Punjab, India
+91-9878902593
sexologistdrsharma@gmail.com

क्यों बढ़ रहा है सेक्स स्ट्रेस? (Why Sex Stress Is Increasing In Our Daily Life?)

क्यों बढ़ रहा है सेक्स स्ट्रेस? (Why Sex Stress Is Increasing In Our Daily Life?)

sex stress

आज कहां नहीं है सेक्स स्ट्रेस / Sex Stress ? घर-परिवार, करियर, नौकरी… हर जगह तनाव का मकड़जाल फैला हुआ है. और धीरे-धीरे इसने अंतरंग लम्हों/sex life में भी घुसपैठ कर दी है. एक अच्छे और हेल्दी रिलेशन के लिए सेक्स स्ट्रेस/Sex Stress को दूर करने की ज़रूरत है.

sex stress
Sex Stress

Dr.Sharma Sexologist / सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. शर्मा  के अनुसार, “स्ट्रेस लेवल बढ़ने के कारण शरीर के कई ऐसे हार्मोंस बदलाव और प्रभावित होते हैं, जिनकी वजह से सेक्स स्ट्रेस / Sex Stressबढ़ जाता है. यदि पति-पत्नी अपनी रोज़ाना की ज़िंदगी का विश्‍लेषण करने के लिए कुछ समय निकाल सकें तो सेक्स स्ट्रेस का कारण ख़ुद ही समझ में आ जाएगा. सेक्स स्ट्रेस के कई कारण होते है. मॉडर्न लाइफ़स्टाइल/modernization व अनेक चाही-अनचाही परिस्थितियां इसके लिए ज़िम्मेदार हैं.” आइए, उन विभिन्न स्थितियों को समझें.

 

समय की कमी व अपनों की फ़िक्र

सेक्स क्रिया के लिए समय व तनावरहित वातावरण व सही  समय चाहिए, जो आजकल लोगों को नहीं मिलता है. यदि सही समय मिल भी गया तो मन तरह-तरह की चिंताओं से घिरा रहता है. बच्चों का प्रेशर, माता-पिता का प्रेशर, ऑफ़िस की चिंताएं अनेक ऐसी बातें हैं, जो व्यक्ति को तनावमुक्त होने ही नहीं देतीं. फिर अपनी-अपनी अलग सोच और विचारधारा के कारण तालमेल की कमी भी सेक्स के प्रति उदासीनता की स्थिति पैदा करती है.जिनकी वजह से सेक्स स्ट्रेस / Sex Stress बढ़ जाता है.

इसे भी पढ़ेंकिसी भी तरह की शारीरिक कमजोरी, धात का गिरना, स्वपन दोष, sexual disease के लिए मिले डॉ. शर्मा सेक्सोलॉजिस्ट/ Dr. Sharma Sexologist

काम का प्रेशर

ऑफ़िस या बिजनेस में ख़ुद को बेहतरीन साबित करने का जुनून, प्रमोशन की चाह, बॉस की नज़रों में योग्य बने रहने के प्रयास में कभी-कभी व्यक्ति अपनी सारी एनर्जी ख़र्च कर डालता है. बड़ी कंपनियों के बड़े-बड़े पैकेज यानी लाखों में मिलने वाली सालाना तनख़्वाह व्यक्ति को निचोड़कर रख देती है. अधिक आमदनी के लिए 8 की जगह 12-15 घंटे काम करना पड़ता है. ऑफ़िस के बाद कभी-कभी घर पर भी काम पूरा करना पड़ता है. इस तरह के हाईप्रेशर जॉब और जिम्मेदारी के साथ प्रायः संतुलन बनाए रखना कठिन हो जाता है. घर व ऑफ़िस दोनों ही ज़िम्मेदारियों को निभाने के चक्कर में व्यक्ति इतना थक जाता है कि बिस्तर पर लेटते ही सो जाता है. इसका सीधा असर उसकी सेक्स लाइफ़ पर पड़ता है.जिनकी वजह से सेक्स स्ट्रेस / Sex Stress बढ़ जाता है.

Treatment of Azoospermia

करियर की चाह

करियर में आगे बढ़ने की चाह एक ओर सफलता की मंज़िल तक पहुंचने का उत्साह बढ़ाती है, तो दूसरी ओर रिश्तों की गर्माहट में बाधक भी बनती है. करियर के कारण कभी-कभी पति-पत्नी को एक-दूसरे से अलग रहना पड़ता है. वे वीकएंड पर ही इकठे रह पाते हैं. ऐसे कपल्स अनेक कुंठाओं और शंकाओं के शिकार होते हैं, भले ही यह स्थिति उन्होंने स्वेच्छा से चुनी हो. ऐसे में साथ होते हुए भी तरह-तरह की शंका-आशंका (जैसे- विवाहेतर संबंध) या अपराधबोध उन्हें जकड़ने लगता है, अनेक ऐसी बातें सेक्स लाइफ़ को प्रभावित करती हैं.जिनकी वजह से सेक्स स्ट्रेस / Sex Stress बढ़ जाता है.

असुरक्षा की भावना

आज की शादीशुदा ज़िंदगी/married life में वर्किंग पति-पत्नी के रिश्तों में आजीवन साथ रह पाने की निश्‍चिंतता नहीं है. दिल में हमेशा डर बना ही रहता है कि कब अलग हो जाना पड़े, क्योंकि दोनों के अहं होते हैं, जो कभी भी टकरा सकते हैं. दोनों में से कोई भी समझौते के लिए तैयार नहीं होना चाहता है. लिहाज़ा महिलाओं के मन में अधिक बचत की चिंता रहती है. वे ज़्यादा से ज़्यादा कमाने की कोशिश में रहती हैं. वे सुरक्षित होना चाहती हैं. पुरुषों को स्त्रियों की सोच में स्वार्थ नज़र आता है. इस तरह की स्थिति तनाव व गलतफ़हमी  को जन्म देती है. जिनकी वजह से सेक्स स्ट्रेस / Sex Stress बढ़ जाता है.

Also read:-Improve Your Sexual Health

प्लानिंग की कमी

आज आधुनिक सुख-साधन जुटाना/ modern life style, रिसॉर्ट या विदेश में छुट्टियां बिताना हर दंपति की इच्छा होती है. संभव हो, न हो, उसकी कोशिश व कशिश तो होती ही है. आज विकल्प के रूप में लोन व क्रेडिट कार्ड की उपलब्धता व बाद में उनकी किश्तें चुकाने का प्रेशर शरीर व मन दोनों को थका डालता है, बिना प्लानिंग के जो फ़ायनेंशियल स्ट्रेस/ financial stress झेलना पड़ता है, वो अंततः व्यक्ति की ज़िंदगी को पूरी तरह से प्रभावित करता है. सेक्स लाइफ़ के प्रति उदासीन कर देता है.

 

पोर्नोग्राफ़ी का असर

पोर्नोग्राफ़ी (यानी कामवासना संबंधी साहित्य, फ़ोटो, फ़िल्म आदि) के प्रभाव के कारण व्यक्ति सेक्स लाइफ़ फैंटेसी की दुनिया से जुड़ जाता है. उस तरह की इच्छा या सोचना शुरू करने लगता है, जबकि वास्तविकता उससे कहीं दूर होती है. ऐसी फैंटेसी के कारण पार्टनर का सेक्स स्ट्रेस/sex stress बढ़ने लगता है. वे साथ होकर भी काम-सुख या आनंद से वंचित रह जाते हैं. एक-दूसरे की उम्मीदों पर खरा न उतरने व पूर्ण संतुष्ट न कर पाने का तनाव व अनजाना भय रिश्तों में उदासीनता / चिंता ले आता है.

For Digital Marketing, Content Marketing, E-Mail Marketing ,contact itech global solutions.com

मीडिया का रोल

आधी-अधूरी जानकारी व ग़लतफ़हमियां भी स्ट्रेस को बढ़ाती हैं. आज हर मैग़जीन में सेक्स कॉलम को ज़रूरी माना जाता है. कॉलम में सेक्सोलॉजिस्ट द्वारा पाठकों के प्रश्‍नों के उत्तर दिए जाते हैं. लेकिन पढ़ने वाला ये भूल जाता है कि संबंधित लेख या कॉलम में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी होती है जबकि हर व्यक्ति दूसरे से भिन्न होता है. इसके अलावा इंटरनेट सेक्स, होमोसेक्सुअलिटी आदि भी आम व्यक्ति के मन को भ्रमित करने में ख़ास रोल निभा रहे हैं और सेक्स स्ट्रेस को बढ़ा रहे हैं. इसलिए आज यह बेहद ज़रूरी हो गया है कि कपल्स एक-दूसरे के लिए थोड़ा व़क़्त साथ बिताये. साथ ही उपरोक्त सभी मुद्दों पर एकबार विचार-विमर्श भी करें, ताकि सेक्स स्ट्रेस /sex stress पनपने ही न पाए और ज़िंदगी ख़ुशनुमा बन जाए.

इसे भी पढ़े:  Aajkarashifal/ today Horoscope, WEEKLY HOROSCOPE / साप्ताहिक राशिफल, MONTHLY HOROSCOPE / मासिक राशिफल, YEARLY HOROSCOPE / वार्षिक राशिफल

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *